सही फार्मा फ्रेन्चाइसी का चयन कैसे करे?

यदि आप फार्मा इंडस्ट्री में है और आपको सेल्स का अनुभव है तो आप कही न कही अपना काम करने
के बारे में सोचते होंगे। यदि आप फार्मा ट्रेडिंग में है ,चाहे थोक विक्रेता या फुटकर और कुछ नया
करना चाहते है जिस पर आपका पूरा नियंत्रण हो तो पी सी डी फार्मा कंपनियों के साथ हाथ मिलाकर
बेहतर काम कर सकते है ।फार्मा फ्रेन्चाइसी लेने में अक्सर लोगों को कुछ दिक्क्तों से दो चार होना पड़ता
है जैसे कौन सी कंपनी की फ्रेन्चाइसी ले , कौन से प्रोडक्ट्स लेने चाहिए , कितना प्रोडक्ट्स के साथ काम
शुरू करना चाहिए, कैसी स्ट्रैटजी बनानी चाहिए , कितने कस्टमर्स को टारगेट करना चाहिए, क्या प्रॉफिट
मार्जिन रखना चाहिए ताकि नुकसान न हो, कितने समय में प्रॉफिट आना शुरू हो जाता है, कितना पैसा माल
में लगाना चाहिए , कितना पैसा मार्केटिंग में खर्च करना चाहिए , मार्केटिंग कैसे करनी चाहिए, वगैरह वगैरह
.......

आइये इन सब दिक्कतों के बारे में विस्तार से जानते है 


फार्मा फ्रेन्चाइसी लेने के लिए क्या डाक्यूमेंट्स आवश्यक है ?

फार्मा फ्रेन्चाइसी लेने के लिए आपके पास एक ड्रग लाइसेंस होना आवश्यक है ।यदि आप रिटेल फार्मेसी संचा-
लित करते है और आपके पास केवल रिटेल ड्रग लाइसेंस है तो भी आप शुरू कर सकते है लेकिन इस स्थिति
में आप दवाएं केवल आपने ही दुकान से बेच सकते है। यदि आप अपनी फ्रेन्चाइसी की दवाएं और भी दुकानों
पर बेचना चाहते है तो आपके पास होलसेल ड्रग लाइसेंस होना आवश्यक है ।होलसेल ड्रग लाइसेंस के साथ
आपको GST भी चाहिए होगा।

यदि आपके पास ड्रग लाइसेंस नहीं है तो आप किसी अपने परिचित के भी ड्रग लाइसेंस से PCD का काम
शुरू कर सकते है।

फ्रेन्चाइसी कहा से ले या किस कंपनी से प्रोडक्ट्स खरीदें ?
फार्मा फ्रेन्चाइसी लेने में कंपनी का चयन करना की किस कंपनी के साथ काम करना है सबसे अहम् होता है ,
बहुत सारी कंपनियां फार्मा फ्रेन्चाइसी देती है , लेकिन किसी भी कंपनी के साथ काम शुरू करने से पहले यह
अवश्य जांच ले आप जिस कंपनी के साथ काम करने जा रहे है उसकी बाजार में रेपुटेशन क्या है । बहुत सी
कंपनिया ऐसी भी है जिनके साथ काम करके लोग परेशान हो जाते है । इसलिए हमेशा ऐसी कंपनी के साथ
काम करें जिसके बारे में आप जानतें हो या कोशिश करें की काम से काम एक बार उस कंपनी को पर्सनली
जा कर देख ले वहां लोग कैसे है , उनका व्यवहार कैसा है, उनके साथ काम करने में कोई दिक्कत तो नहीं
होगी, कंपनी की सोच आपकी सोच से मिलती है की नहीं ,कंपनी आपके लिए कितना को-ऑपरेटिव है ,आपके
काम में कितना सपोर्ट करती है और आपके लिए कितना फ्लेक्सिबल है ।

मेरे विचार से आपको उसी कंपनी के साथ काम करना चाहिए जो आपके लिए मार्केटिंग सपोर्ट , फ्री सैंपल ,
विसुअल ऐड, LBL , ब्रांड नाम का गिफ्ट आदि दे सके तजि आप अपने काम को तेज़ी से बड़ा कर सके ।
साथ में आपको ये भी देखना चाहिए की कौन सी कंपनी आपको कितना क्रेडिट सपोर्ट दे सकती है ताकि
आपको फाइनेंसियल प्लानिंग करने में सुगमता हो । कंपनी के पास बड़ी प्रोडक्ट रेंज के साथ क्वालिटी सपोर्ट
भी हो ताकि आप निश्चिन्त रहे की आप अपने कस्टमर को बेहतर गुणवत्ता के प्रोडक्ट दे रहे है ।

कौन से प्रोडक्ट से काम शुरू करनी चाहिए ?
कौन से प्रोडक्ट से काम शुरू करना चाहिए ये निर्धारित करना काफी अहम् होता है ।शुरुआत में हमें ऐसे प्रोड-
क्ट्स के साथ काम शुरू करना चाहिए जिनका बाजार में एक्सेप्टेन्स काफी अच्छा हो और उसमे ज्यादा
कम्पटीशन न हो । डिफरेंट टाइप के फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन जो आम तौर पैर इस्तेमाल किये जा सके ,
अच्छा विकल्प हो सकता है, हम फर्स्ट टाइम इन इंडिया प्रोडक्ट्स भी ट्राई कर सकते है लेकिन ये प्रोडक्ट्स आम
बिमारियों में बाजार में उपलब्ध दवाओं की अपेक्षा ज्यादा असरदार होने चाहिए और यह भी ध्यान रहे की किसी
तरह के DPCO या DCGI से निर्धारित मनको का उलंघन न करते हों ।

प्रोडक्ट्स की सही MRP के लिए निम्न अंकित वेबसाइट से उद्धरण लिए जा सकते है 

DCGI एप्रूव्ड प्रोडक्ट लिस्ट के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.....


प्रोडक्ट रेंज कितनी बड़ी होनी चाहिए ?

यदि आप पहले से ही दवा व्यवसाय में है और अपनी दुकान का सञ्चालन करते है तब प्रोडक्ट रेंज का चयन करते
समय अपनी सुविधानुसार ५० से ७० प्रोडक्ट्स के साथ काम शुरू कर सकते है, लेकिन यदि आप किसी फार्मा
कंपनी में काम करते है और अपनी फ्रेन्चाइसी लेकर नया काम शुरू करने जा रहे है तो आपको ३० से ५०
प्रोडक्ट्स की रेंज लेकर काम शुरू करना चाहिए। प्रोडक्ट रेंज का सिलेक्शन करते वख्त आपको ऐसे प्रोडक्ट
चुनने चाहिए जिसके बारे में आपको अच्छी जानकारी हो और आप पूरी तरह आश्वत हो की ये प्रोडक्ट आप बेंच
लोगे क्योकि कोई भी फ्रेन्चाइसी कंपनी प्रोडक्ट बिकने के बाद वापस नहीं लेती और यदि आपका प्रोडक्ट बिकने
से रह गया तो यह आपकी पूंजी ब्लॉक कर देता है I


कौन से प्रोडक्ट चुने अपनी पहली मार्केटिंग कंपनी के लिए ?
शुरुआत में कौन से प्रोडक्ट के साथ काम शुरू करना है यह अधिक हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि
आपका अनुभव किस प्रकार का है, यदि आप किसी कंपनी में मेडिकल रिप्रेसेंटेटिव या मैनेजर है तो प्रोडक्ट का
चयन इस बात के आधार पर होना चाहिए कि आप किस प्रकार के प्रोडक्ट्स प्रमोट करते रहे है, आपको उन्ही
प्रोडक्ट्स से सम्बंधित प्रोडक्ट्स का चयन करना चाहिए क्योकि आप उन प्रोडक्ट्स के बारे में भली भाति जानते है
एवं आपके तात्कालिक संबंधों का भी लाभ मिल सकता है। 

यदि आप थोक व्यवसायी है और अपनी फार्मा फ्रेंचाइज़ी लेकर काम शुरू करना चाहते है तो आपको एक नपा
तुला प्रोडक्ट सिलेक्शन के साथ काम करना चाहिए क्योकि यह स्थिति ऊपर दी हुई स्थिति से बुल्कुल अलग
होती है । आपको हमेशा उन प्रोडक्ट्स के साथ काम करना चाहिए जिनकी बाजार में अच्छी सेल हो और अच्छा रेट
देने पर कोई भी बेच सके , या अलग शब्दों में कहे तो ऐसे प्रोडक्ट्स चुनना चाहिए जो कि ओवर तो काउंटर हो
या जनरल प्रैक्टिशनर भी बेचता हो, क्योकि इस स्थिति में प्रोडक्ट्स को बेचने का मास्टरस्ट्रोक स्ट्रैटेजी अधिकतर
रेट ही होता है, हो सकता है आप इससे सहमत न हो लेकिन लगभग ९० प्रतिशत मामलों में ऐसा ही देखने को
मिला है ।


 कैसी स्ट्रैटजी बनानी चाहिए?
दवाएं कोई भी हो, बिकती केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही है । अब हमें अपनी प्रोडक्ट रेंज के हिसाब से
सही डॉक्टर का सिलेक्शन करना होता है की कौन से डाक्टर हमारे प्रोडक्ट्स लिख सकते है या बेंच सकते है ।
अमूमन हम गलत प्रोडक्ट गलत डॉक्टर को प्रोमोट करते है और हमारी सेल नहीं हो पाती है ।
डाक्टर सिलेक्शन में एक बात ध्यान देने वाली है की अगर हम फार्मा फ्रेन्चाइसी लेकर काम करते है तो
हमारे डॉक्टर वो सब है जो हमारी दवाएं लिख सकते है या बेंच सकते है, चाहे वो MBBS हो, MD हो, BAMS
हो , BUMS हो , RMP हो या कोई और हो, हमें केवल ये देखना है की वो हमारे प्रोडक्ट्स बेच सकता है
या नहीं ।


डॉक्टर सिलेक्शन के बाद हमें अपने प्रोडक्ट के प्रमोशन पर ध्यान देने की जरुरत होती है, क्योकि किसी भी
डॉक्टर के हमारे प्रोडक्ट को लिखने के या बेचने के लिए कुछ जरुरी पैरामीटर्स होते है, यदि हम वो पैरामीटर्स पुरे
करते है तो हमारे प्रोडक्ट्स के लिखे जाने या बेचे जाने की सम्भावनाये बढ़ जाती है ।
जैसे 
१- डॉक्टर को हम जो दवाएं प्रमोट कर रहे है वो यूनिक है , किसी दूसरे की नहीं आती और उस दवा की जरुरत
अक्सर उस डाक्टर को होती है (प्रोडक्ट मोनोपोली) ।
२- हम जिन प्रोडक्ट्स का प्रमोशन कर रहे है वो डॉक्टर के मरीजों के लिए सबसे अच्छी है और सबसे सस्ती है।
३- हम जो भी दवाएं प्रोमोट करते है वो डॉक्टर को और उनके मरीजों को प्रोडक्ट्स आसानी से उपलब्ध होनी
चाहिए, जिन दवाओं के उपलब्धता को लेकर संशय है उनका प्रमोशन करने से बचना चाहिए ।
४- हमारे कस्टमर का (डॉक्टर का ) हमारे पर विश्वाश होना चाहिए, हमारी फेस वैल्यू अच्छी होनी चाहिए ।
५- हम डॉक्टर को कम्पटीटर ब्रांड के मुकाबले बेहतर डील दे रहे है, 
६- हम अपने कस्टमर्स (डॉक्टर्स ) के लिए हमेशा उपलब्ध हों।
कितने कस्टमर्स को टारगेट करना चाहिए?
हमें अपनी डॉक्टर लिस्ट में उतने ही कस्टमर रखने चाहिए जिनसे हम अधिक से अधिक १५ दिनों के अंतराल में
मिल सके। इससे हमारी फेस वैल्यू भी बढ़ती है और हमारी सेल भी सिक्योर होती है । यदि हम औसतन ७ से ८
डॉक्टर से रोज मिलते है और महीने में २५ दिन काम करते है तो हमारे डाक्टर लिस्ट में १०० डॉक्टर्स होने चाहिए।
किसी भी डॉक्टर को हमें शुरुआत में २ से ३ प्रोडक्ट्स ही फोकस करने चाहिए और उन प्रोडक्ट्स की अच्छे से सर्वे
कर लेना चाहिए, इससे प्रोडक्ट्स के जल्दी लिखे जाने की सम्भावनाये बढ़ जाती है । जब हमारे सम्बन्ध अच्छे हो जाये
तो हम उनसे अधिक प्रोडक्ट्स भी लिखवा सकते है ।
हम पूरी टीम के साथ काम शुरू करते है तो भी हमें इसी अनुपात में डॉक्टर्स और प्रोडक्ट्स की टार्गेटिंग
रखनी चाहिए ।


क्या प्रॉफिट मार्जिन रखना चाहिए ताकि नुकसान न हो?
कितना प्रॉफिट मार्जिन रखना चाहिए यह इस बात पर निर्भर करता है की हमारी खरीदारी अमुक प्रोडक्ट की
कितनी है ,हमें मार्किट के कम्पटीशन में अगर स्थापित होना है तो प्रोडक्ट्स के बेचने के दामों को मार्किट के
हिसाब से ही रखना पड़ता है , इस स्थिति में अगर हम अच्छा मार्जिन कामना चाहते है तो हमें अपनी खरीदारी
मूल्य को कम करना पड़ता है । सही तरह से सञ्चालन करने के लिए हमारा ग्रॉस प्रॉफिट ६० प्रतिशत से कम
नहीं होना चाहिए।६० प्रतिशत ग्रॉस मार्जिन पर हमें मार्केटिंग एक्सपेंसेस अपनी कुल सेल्स के ३० प्रतिशत से
अधिक नहीं होने देना चाहिए जिसमे प्रमोशनल एक्सपेंसेस भी शामिल हों ।


कितने समय में प्रॉफिट आना शुरू हो जाता है ?
यह बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करता है की हमारी सेल कितने समय में आती है , अमूमन यह देखने को
मिलता है की लोग अपना काम शुरू करते है और ये उम्मीद करते है की पहले महीने में ही प्रॉफिट आ जायेगा,
लेकिन ऐसा वास्तव में होता नहीं है, किसी भी नयी कंपनी को या नयी फ्रेंचाइजी को अपना मार्किट स्टैब्लिश करने
में कम से कम ४ से ६ महीने लग जाते है ।अगर पहले महीने में सेल भी आ जाती है तो भी पैसो का सर्कुलेशन होने
में ३ महीने का समय लग जाता है।
ऐसे में मन के चलिए की अगर आपका मार्किट में रेपुटेशन अच्छा है और आपके पास अपने डॉक्टर है तो कम से
कम ३ महीने का समय लगना है और अगर आप मार्किट के लिए नए है तो ६ से ८ महीने का समय लग जायेगा।ऐसे
में आपको अपने आप को संयमित रखते हुए धैर्य के केवल काम करने की आवश्यकता है ।


ऊपर दिए गए तरीकों का इस्तेमाल करके आप अपने आप को फार्मा फ्रेंचाइजी का काम करके एक बेहतर जीवन
दे सकते है, किसी भी तरीके के सुझाव एवं सवालों के लिए कमेंट जरूर करें, अगर आप किसी और विषय पर
हिंदी में ब्लॉग चाहते है कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।
आप हमें ईमेल के जरिये भी संपर्क कर सकते है हमारी email id : vinay.pixel@gmail.com  है।

धन्यवाद .....